गंगा से जल लाने पर घर में पाप भी साथ आते हैं? जानिए प्रेमानंद महाराज ने क्या बताया, शख्स ने किया था प्रश्न, यहां VIDEO
Vrindavan Wale Premanand Maharaj on Ganga-Yamuna Jal Video Viral
Premanand Ji Maharaj: क्या गंगा से जल लाने पर घर में पाप भी साथ आ जाते हैं? गंगा से जल लेने पर उसमें पाप भी भर जाते हैं। क्या हमें गंगा से जल घर नहीं लाना चाहिए?
दरअसल, एक शख्स ने वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज से एक प्रश्न किया था। जिसमें उसने पूछा कि, जब हम तीर्थस्थल गंगा जी और यमुना जी जाते हैं तो लोग कहते हैं कि हम वहां पाप धोने जा रहे हैं। मगर जब हम वहां से गंगाजल लेकर आते हैं और घर में छिड़कते हैं तो क्या हम अपने साथ वहां से पाप भरकर भी ले आते हैं? क्योंकि हम भी पाप धोने जा रहे हैं और लोग भी। तो क्या हम लोगों के पाप भी घर ले आएंगे।
इस पर प्रेमानंद महाराज ने कहा कि, ऐसा नहीं होता है। गंगा जी और यमुना जी को कभी भी कोई मलिन नहीं कर सकता है। हम गंगा में जब अवगाहन करते हैं, गंगा जी को नमस्कार करते हैं तो उनके प्रभाव से हमारे पाप नष्ट हो जाते हैं। पाप नष्ट होने का मतलब है कि, वो पाप गंगा जी के ऊपर थोड़ी न चढ़ जाते हैं। उन पापों का प्रभाव नष्ट हो जाता है। ऐसा नहीं होता है कि, गंगा में आपने कमंडल डाला और जल के साथ उसमें पाप भी भर गए। ऐसा भाव नहीं करना चाहिए।
कैसे नष्ट होते हैं पाप?
प्रेमानंद महाराज ने बताया कि, गंगा में पाप कैसे नष्ट होते हैं। उन्होंने कहा कि, जब हम तीर्थयाटन करते हैं और गंगा जी में स्नान आदि करते हैं तो इससे हमें कष्ट देने वाले पाप नष्ट हो जाते हैं। गंगा जी के प्रभाव से वह खत्म हो जाते हैं। प्रेमानंद महाराज ने बताया कि, जिस प्रकार डॉक्टर हमें रोग होने पर औषधि देता है तो इसका मतलब ये नहीं कि वो रोग डॉक्टर के ऊपर चढ़ जाता है।
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